۴ آذر ۱۴۰۳ |۲۲ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 24, 2024
غزه

हौज़ा / ग़ज़ा में फिलिस्तीनी सरकार के सूचना कार्यालय ने एक रिपोर्ट में ग़ज़ा में युद्ध के 175वें दिन तक होने वाले जानी और माली नुक़सान के आंकड़े पेश किए हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,ग़ज़ा में फिलिस्तीनी सरकार के सूचना कार्यालय ने एक रिपोर्ट में ग़ज़ा में युद्ध के 175वें दिन तक होने वाले जानी और माली नुक़सान के आंकड़े पेश किए हैं।

युद्ध में होने वाले जानी और माली नुक़सान का सारांश इस प्रकार है:

ज़ायोनी सेना ने ग़ाज़ा पट्टी में 2888 अपराध और हत्याएं की हैं।

39623 लोग शहीद हुए और लापता हुए।

32623  शहीदों को अस्पतालों में भर्जी कराया गया।

7000  से अधिक लोग अभी भी लापता हैं और मलबे में दबे हुए हैं।

शहीदों में 14350 बच्चे शामिल हैं।

28  बच्चे भुखमरी का शिकार होकर जान गंवा बैठे।

शहीदों में 9460 महिलाएं भी हैं।

364 मेडिकल स्टाफ़ के  लोग और चिकित्सा कर्मी शहीद हुए।

बचाव दल के 48 लोग शहीद हो गये।

136  पत्रकार शहीद हुए।

75092  लोग घायल हुए।

इस युद्ध के कुल पीड़ितों में से 73  प्रतिशत महिलाएं और बच्चे हैं।

17000  बच्चों ने माता-पिता में से किसी एक को या दोनों को ही खो दिया है।

11000 घायलों को इलाज जारी रखने और उनकी जान बचाने के लिए विदेश भेजा जाना है।

10000 कैंसर रोगी ज़िंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं और उन्हें तत्काल उपचार की आवश्यकता है।

विस्थापन के परिणामस्वरूप 700000 लोग संक्रामक रोगों की चपेट में आ चुके हैं।

विस्थापन के कारण 8000 लोगों को वायरल हेपेटाइटिस हो गया।

चिकित्सा देखभाल की कमी के कारण 60000 गर्भवती महिलाओं को ख़तरा है।

दवा का आयात न होने के कारण 350000 लोगों को पुरानी बीमारियों में ग्रस्त हो चुके हैं।

274 चिकित्साकर्मियों और मेडिकल स्टाफ़ को गिरफ्तार किया गया।

12 पत्रकारों को गिरफ्तार कर लिया गया है जिनके नाम पता हैं।

ग़ज़ा पट्टी के 20 लाख निवासी विस्थापित हुए।

168  सरकारी केंद्र नष्ट कर दिये गये हैं।

100  स्कूल और विश्वविद्यालय पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं।

305  स्कूलों और विश्वविद्यालयों को मामूली क्षति हुई है।

227  मस्जिदें पूरी तरह नष्ट हो चुकी हैं।

294  अन्य मस्जिदों को मामूली क्षति हुई है

3  चर्चों को बमबारी कर नष्ट कर दिया गया है।

70000  आवासीय इकाइयां पूरी तरह से नष्ट हो गई हैं।

290000  आवास बमबारी का शिकार होकर तबाह ग्रस्त हो चुके हैं और रहने योग्य नहीं हैं।

ग़ज़ा के लोगों पर 70000 टन विस्फोटक गिराए गए हैं।

32  अस्पताल पूरी तरह से ठप्प हो गये हैं।

53  चिकित्सा केंद्र पूरी तरह से बंद हो गये हैं।

अन्य 159 चिकित्सा केंद्रों को निशाना बनाया गया है।

12  एम्बुलेंसों पर बमबारी की गई और उन्हें नष्ट कर दिया गया।

200  ऐतिहासिक एवं प्राचीन स्थानों पर बमबारी कर उन्हें नष्ट कर दिया गया है।

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